श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 107: श्रीराम और रावण का घोर युद्ध  »  श्लोक 66
 
 
श्लोक  6.107.66 
 
 
नैव रात्रिं न दिवसं न मुहूर्तं न च क्षणम्।
रामरावणयोर्युद्धं विराममुपगच्छति॥ ६६॥
 
 
अनुवाद
 
  श्री राम और रावण के बीच हुआ युद्ध न रात को रुकता था और न ही दिन में। एक पल के लिए भी उसमें कोई विराम नहीं हुआ।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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