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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 107: श्रीराम और रावण का घोर युद्ध
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श्लोक 65
श्लोक
6.107.65
देवदानवयक्षाणां पिशाचोरगरक्षसाम्।
पश्यतां तन्महद् युद्धं सर्वरात्रमवर्तत॥ ६५॥
अनुवाद
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देवता, दानव, यक्ष, पिशाच, सर्प और राक्षसों की उपस्थिति में, वह महान युद्ध पूरी रात चलता रहा। रामायण में वर्णित इस युद्ध में, देवताओं और राक्षसों की सेनाओं के बीच एक भयंकर संघर्ष हुआ था।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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