श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 6: युद्ध काण्ड  »  सर्ग 107: श्रीराम और रावण का घोर युद्ध  »  श्लोक 47
 
 
श्लोक  6.107.47 
 
 
चकम्पे मेदिनी कृत्स्ना सशैलवनकानना।
भास्करो निष्प्रभश्चासीन्न ववौ चापि मारुत:॥ ४७॥
 
 
अनुवाद
 
  भूकंप से सारी पृथ्वी काँप उठी, जिसमें पर्वत, वन और जंगल शामिल थे। सूर्य की चमक भी फीकी पड़ गई और हवा भी चलना बंद हो गई।
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.