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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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सर्ग 107: श्रीराम और रावण का घोर युद्ध
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श्लोक 30
श्लोक
6.107.30
अर्दयन्तौ तु समरे तयोस्तौ स्यन्दनोत्तमौ।
परस्परमभिक्रुद्धौ परस्परमभिद्रुतौ॥ ३०॥
अनुवाद
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युद्धभूमि में उनके दोनों श्रेष्ठ रथ, परस्पर अत्यधिक क्रोधित होकर, एक-दूसरे को यातना देने और एक-दूसरे पर आक्रमण करने लगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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