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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 106: रावण के रथ को देख श्रीराम का मातलि को सावधान करना, रावण की पराजय के सूचक उत्पातों तथा राम की विजय सूचित करनेवाले शुभ शकुनों का वर्णन
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श्लोक 23
श्लोक
6.106.23
संध्यया चावृता लङ्का जपापुष्पनिकाशया।
दृश्यते सम्प्रदीप्तेव दिवसेऽपि वसुंधरा॥ २३॥
अनुवाद
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संध्या के समय जपा (अड़हुल) के फूलों के समान लाल रंग से आच्छादित लंकापुरी की भूमि दिन के समय भी जलती हुई प्रतीत होती थी।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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