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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 106: रावण के रथ को देख श्रीराम का मातलि को सावधान करना, रावण की पराजय के सूचक उत्पातों तथा राम की विजय सूचित करनेवाले शुभ शकुनों का वर्णन
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श्लोक 20
श्लोक
6.106.20
समुत्पेतुरथोत्पाता दारुणा रोमहर्षणा:।
रावणस्य विनाशाय राघवस्योदयाय च॥ २०॥
अनुवाद
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युद्ध के दौरान, ऐसे भयानक उत्पात हुए जिन्हें देखकर रोंगटे खड़े हो जाते थे। ये उत्पात रावण के विनाश और भगवान श्री राम के उद्भव का संकेत दे रहे थे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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