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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 6: युद्ध काण्ड
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सर्ग 100: राम और रावण का युद्ध, रावण की शक्ति से लक्ष्मण का मूर्च्छित होना तथा रावण का युद्ध से भागना
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श्लोक 55
श्लोक
6.100.55
अद्य पश्यन्तु रामस्य रामत्वं मम संयुगे।
त्रयो लोका: सगन्धर्वा: सदेवा: सर्षिचारणा:॥ ५५॥
अनुवाद
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आज इस संग्राम में देवता, गंधर्व, सिद्ध, ऋषि और चारण सहित तीनों लोकों के प्राणी श्री राम के रामत्व का साक्षात दर्शन करें।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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