श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 9: हनुमान जी का रावण के श्रेष्ठ भवन पुष्पक विमान तथा रावण के रहने की सुन्दर हवेली को देखकर उसके भीतर सोयी हुई सहस्रों सुन्दरी स्त्रियों का अवलोकन करना  »  श्लोक 36
 
 
श्लोक  5.9.36 
 
 
तासां संवृतदान्तानि मीलिताक्षीणि मारुति:।
अपश्यत् पद्मगन्धीनि वदनानि सुयोषिताम्॥ ३६॥
 
 
अनुवाद
 
  मारुति ने उन स्त्रियों के मुख देखे जिनके होंठ बंद थे और आँखें मूँदी हुई थीं, जिनके मुख से कमल की तरह सुगंध निकल रही थी।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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