श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 68: हनुमान जी का सीता के संदेह और अपने द्वारा उनके निवारण का वृत्तान्त बताना  »  श्लोक 20
 
 
श्लोक  5.68.20 
 
 
असकृत् तैर्महाभागैर्वानरैर्बलसंयुतै:।
प्रदक्षिणीकृता भूमिर्वायुमार्गानुसारिभि:॥ २०॥
 
 
अनुवाद
 
  वायुमार्ग का अनुसरण करने वाले उन महाबली वानरों ने अनेक बार इस पृथ्वी की परिक्रमा की है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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