श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 68: हनुमान जी का सीता के संदेह और अपने द्वारा उनके निवारण का वृत्तान्त बताना  »  श्लोक 18
 
 
श्लोक  5.68.18 
 
 
तस्य विक्रमसम्पन्ना: सत्त्ववन्तो महाबला:।
मन:संकल्पसदृशा निदेशे हरय: स्थिता:॥ १८॥
 
 
अनुवाद
 
  उनकी सेना में पराक्रमी, शक्तिशाली और महाबली वानर हैं, जो उनकी आज्ञा के अधीन रहते हैं और उनकी इच्छा के अनुसार तेजी से कार्य करते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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