वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
»
सर्ग 67: हनुमान जी का भगवान् श्रीराम को सीता का संदेश सुनाना
»
श्लोक 8
श्लोक
5.67.8
नखाग्रै: केन ते भीरु दारितं वै स्तनान्तरम्।
क: क्रीडति सरोषेण पञ्चवक्त्रेण भोगिना॥ ८॥
अनुवाद
play_arrowpause
भीरु! तेरे सीने में तेज नाखूनों से किसने घाव कर दिया है? कौन क्रोधित पाँच मुँह वाले साँप के साथ खेल रहा है?
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.