श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 67: हनुमान जी का भगवान् श्रीराम को सीता का संदेश सुनाना  »  श्लोक 1
 
 
श्लोक  5.67.1 
 
 
एवमुक्तस्तु हनुमान् राघवेण महात्मना।
सीताया भाषितं सर्वं न्यवेदयत राघवे॥ १॥
 
 
अनुवाद
 
  राघव श्रीरघुनाथ जी के ऐसा कहने पर, महान हनुमान जी ने श्री सीता माता की कही हुई सारी बातें उनसे निवेदन कर दीं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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