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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
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सर्ग 66: चूडामणि को देखकर और सीता का समाचार पाकर श्रीराम का उनके लिए विलाप
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श्लोक 7
श्लोक
5.66.7
अयं हि शोभते तस्या: प्रियाया मूर्ध्नि मे मणि:।
अद्यास्य दर्शनेनाहं प्राप्तां तामिव चिन्तये॥ ७॥
अनुवाद
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हाँ, यह मणि मेरी प्रिया सीता के सिर पर शोभा पाती थी। आज इसे देखकर ऐसा लग रहा है मानो स्वयं सीता ही मिल गयी हों।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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