श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 66: चूडामणि को देखकर और सीता का समाचार पाकर श्रीराम का उनके लिए विलाप  »  श्लोक 6
 
 
श्लोक  5.66.6 
 
 
इमं दृष्ट्वा मणिश्रेष्ठं तथा तातस्य दर्शनम्।
अद्यास्म्यवगत: सौम्य वैदेहस्य तथा विभो:॥ ६॥
 
 
अनुवाद
 
  सौम्य! आज इस मणिरत्न को देखकर मुझे ऐसा लग रहा है मानो मैंने अपने पूज्य पिता और तथा विदेहराज महाराज जनक का भी दर्शन कर लिया हो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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