वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
»
सर्ग 66: चूडामणि को देखकर और सीता का समाचार पाकर श्रीराम का उनके लिए विलाप
»
श्लोक 13
श्लोक
5.66.13
शारदस्तिमिरोन्मुक्तो नूनं चन्द्र इवाम्बुदै:।
आवृतो वदनं तस्या न विराजति साम्प्रतम्॥ १३॥
अनुवाद
play_arrowpause
निश्चय ही बादलों से ढके हुए शरद ऋतु के चंद्रमा के समान सीता का मुख इस समय अपनी शोभा नहीं दिखा पा रहा होगा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.