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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
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सर्ग 66: चूडामणि को देखकर और सीता का समाचार पाकर श्रीराम का उनके लिए विलाप
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श्लोक 1
श्लोक
5.66.1
एवमुक्तो हनुमता रामो दशरथात्मज:।
तं मणिं हृदये कृत्वा रुरोद सहलक्ष्मण:॥ १॥
अनुवाद
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हनुमान जी के यह कहने पर राजा दशरथ के पुत्र श्री राम ने उस मणि को अपनी छाती से लगा लिया और रोने लगे। साथ ही लक्ष्मण जी भी रो पड़े।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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