श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 62: वानरों द्वारा मधुवन के रक्षकों और दधिमुख का पराभव तथा सेवकों सहितदधिमुख का सुग्रीव के पास जाना  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  5.62.23 
 
 
बलान्निवारयन्तश्च आसेदुर्हरयो हरीन्।
संदष्टौष्ठपुटा: क्रुद्धा भर्त्सयन्तो मुहुर्मुहु:॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  क्रोध से भरे हुए उन वानरों ने अपने ओठों को दाँतों से दबाते हुए और बार-बार धमकाते हुए उन अन्य वानरों के पास पहुँचकर उन्हें बलपूर्वक रोक दिया।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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