श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 62: वानरों द्वारा मधुवन के रक्षकों और दधिमुख का पराभव तथा सेवकों सहितदधिमुख का सुग्रीव के पास जाना  »  श्लोक 19
 
 
श्लोक  5.62.19 
 
 
एतागच्छत गच्छामो वानरानतिदर्पितान्।
बलेनावारयिष्यामि प्रभुञ्जानान् मधूत्तमम्॥ १९॥
 
 
अनुवाद
 
  देखो, ये वानर बहुत घमंड कर रहे हैं। इन्होंने मधुवन के बेहतरीन शहद को लूटकर खाया है। मैं इन सबसे बलपूर्वक रोदूंगा।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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