श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 59: हनुमान जी का सीता की दुरवस्था बताकर वानरों को लङ्का पर आक्रमण करने के लिये उत्तेजित करना  »  श्लोक 16
 
 
श्लोक  5.59.16 
 
 
सदेवासुरयक्षेषु गन्धर्वोरगपक्षिषु।
मैन्दस्य प्रतियोद्धारं शंसत द्विविदस्य वा॥ १६॥
 
 
अनुवाद
 
  देवताओं, असुरों, यक्षों, गंधर्वों, नागों और पक्षियों में से कौन ऐसा पराक्रमी योद्धा है जो मैन्द या द्विविद से लोहा ले सके?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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