वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
»
सर्ग 48: इन्द्रजित और हनुमान जी का युद्ध, उसके दिव्यास्त्र के बन्धन में बँधकर हनुमान् जी का रावण के दरबार में उपस्थित होना
»
श्लोक 16
श्लोक
5.48.16
ततस्तै: स्वगणैरिष्टैरिन्द्रजित् प्रतिपूजित:।
युद्धोद्धतकृतोत्साह: संग्रामं सम्प्रपद्यत॥ १६॥
अनुवाद
play_arrowpause
तदनंतर अपने दल के प्रिय राक्षसों द्वारा भरपूर प्रशंसा पाकर इंद्रजीत युद्ध के लिए मन में उत्साह भरकर संग्रामभूमि की ओर जाने के लिए उद्यत हुआ।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.