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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
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सर्ग 46: रावण के पाँच सेनापतियों का वध
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श्लोक 39
श्लोक
5.46.39
अश्वैरश्वान् गजैर्नागान् योधैर्योधान् रथै रथान्।
स कपिर्नाशयामास सहस्राक्ष इवासुरान्॥ ३९॥
अनुवाद
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कपिराज रावण की सेना के घोड़ों, हाथियों, योद्धाओं और रथों का नाश इस प्रकार कर रहे थे, जैसे इन्द्र असुरों का वध करते हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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