श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 42: राक्षसियों के मुख से एक वानर के द्वारा प्रमदावन के विध्वंस का समाचार सुनकर रावण का किंकर नामक राक्षसों को भेजना और हनुमान जी के द्वारा उन सबका संहार  »  श्लोक 43
 
 
श्लोक  5.42.43 
 
 
ततस्तस्माद् भयान्मुक्ता: कतिचित्तत्र राक्षसा:।
निहतान् किंकरान् सर्वान् रावणाय न्यवेदयन्॥ ४३॥
 
 
अनुवाद
 
  तदनंतर वहाँ से कुछ राक्षस भयभीत होकर भाग गए और रावण को जाकर यह समाचार सुनाया कि समस्त किंकर नामक राक्षस मारे गए हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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