चारुपल्लवपत्राढॺं यं सीता स्वयमास्थिता।
प्रवृद्ध: शिंशपावृक्ष: स च तेनाभिरक्षित:॥ १९॥
अनुवाद
सीता जिस विशाल अशोक वृक्ष के नीचे निवास करती थीं, वह सुंदर पत्तियों और कोमल पल्लवों से भरा हुआ था। सीताजी की सुरक्षा के लिए उस वृक्ष ने उन्हें सुरक्षित रखा था।