वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
»
सर्ग 42: राक्षसियों के मुख से एक वानर के द्वारा प्रमदावन के विध्वंस का समाचार सुनकर रावण का किंकर नामक राक्षसों को भेजना और हनुमान जी के द्वारा उन सबका संहार
»
श्लोक 13
श्लोक
5.42.13
अशोकवनिकामध्ये राजन् भीमवपु: कपि:।
सीतया कृतसंवादस्तिष्ठत्यमितविक्रम:॥ १३॥
अनुवाद
play_arrowpause
अशोक वाटिका में एक भयंकर रूपवाला वानर आया है। उसने सीता से बातचीत की है। वह अत्यधिक पराक्रमी है और अभी भी वहीं मौजूद है।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.