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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
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सर्ग 40: सीता का श्रीराम से कहने के लिये पुनः संदेश देना तथा हनुमान जी का उन्हें आश्वासन दे उत्तर-दिशा की ओर जाना
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श्लोक 23
श्लोक
5.40.23
यथा च स महाबाहुर्मां तारयति राघव:।
अस्माद् दु:खाम्बुसंरोधात् त्वं समाधातुमर्हसि॥ २३॥
अनुवाद
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महाबाहु श्रीरघुनाथजी को तुम इस तरह से समझाना चाहिये कि वे मुझको दुःख के इस विशाल सागर से पार लगा सकें।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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