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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
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सर्ग 39: समद्र-तरण के विषय में शङ्कित हुई सीता को वानरों का पराक्रम बताकर हनुमान जी का आश्वासन देना
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श्लोक 43
श्लोक
5.39.43
सगणं रावणं हत्वा राघवो रघुनन्दन:।
त्वामादाय वरारोहे स्वपुरीं प्रति यास्यति॥ ४३॥
अनुवाद
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वरारोहे! रघुकुल को आनंद देने वाले श्रीरघुनाथजी रावण को उसके सैनिकों सहित युद्ध में मारकर आपको अपने साथ लेकर अपनी पुरी में लौटेंगे।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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