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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
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सर्ग 37: सीता का हनुमान जी से श्रीराम को शीघ्र बुलाने का आग्रह, हनुमान जी का सीता से अपने साथ चलने का अनुरोध तथा सीता का अस्वीकार करना
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श्लोक 1
श्लोक
5.37.1
सा सीता वचनं श्रुत्वा पूर्णचन्द्रनिभानना।
हनूमन्तमुवाचेदं धर्मार्थसहितं वच:॥ १॥
अनुवाद
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सीता ने हनुमान जी के शब्द सुनकर पूर्णिमा के चंद्रमा की तरह मनमोहक मुख वाली सीता ने उनसे धर्म और अर्थ से युक्त यह बात कही-
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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