श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 5: सुन्दर काण्ड  »  सर्ग 36: हनुमान जी का सीता को मुद्रिका देना, सीता का ‘श्रीराम कब मेरा उद्धार करेंगे’ यह उत्सुक होकर पूछना तथा हनुमान् का श्रीराम के सीताविषयक प्रेम का वर्णन करके उन्हें सान्त्वना देना  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  5.36.24 
 
 
कच्चिदक्षौहिणीं भीमां भरतो भ्रातृवत्सल:।
ध्वजिनीं मन्त्रिभिर्गुप्तां प्रेषयिष्यति मत्कृते॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  क्या भाई पर अनुराग रखने वाले भरत मेरे उद्धार के लिए मंत्रियों द्वारा सुरक्षित भयंकर अक्षौहिणी सेना भेजेंगे?
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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