एतत् ते सर्वमाख्यातं समाश्वसिहि मैथिलि।
किं करोमि कथं वा ते रोचते प्रतियाम्यहम्॥ ८९॥
अनुवाद
मैंने वह सब कुछ बता दिया है जो तुमने पूछा था, मैथिली। अब तुम धैर्य रखो और बताओ कि मैं तुम्हारी किस प्रकार सेवा करूँ और क्या करूँ। इस समय तुम्हारी रुचि किसमें है? यदि आज्ञा हो, तो अब मैं लौट जाऊँ।