वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 5: सुन्दर काण्ड
»
सर्ग 30: सीताजी से वार्तालाप करने के विषय में हनुमान जी का विचार करना
»
श्लोक 27
श्लोक
5.30.27
ते शूलशरनिस्त्रिंशविविधायुधपाणय:।
आपतेयुर्विमर्देऽस्मिन् वेगेनोद्वेगकारणात्॥ २७॥
अनुवाद
play_arrowpause
इस हलचल में वे राक्षस भी व्याकुल होकर शूल, बाण, तलवार और तरह-तरह के शस्त्रास्त्र लेकर बड़े वेग से आ धमकेंगे।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.