वैनतेयस्य वा शक्तिर्मम वा मारुतस्य वा।
ऋते सुपर्णराजानं मारुतं वा महाबलम्।
न तद् भूतं प्रपश्यामि यन्मां प्लुतमनुव्रजेत्॥ २३॥
अनुवाद
विनता नन्दन गरुड़ या तो मैं या वायु देव, इन तीनों में से ही समुद्र पार करने की शक्ति है। पक्षिराज गरुड़ या महाबली वायु देव के अलावा कोई भी प्राणी ऐसा नहीं है जो यहाँ से छलाँग लगाकर मेरे साथ आ सके।