तस्य ते वीर कार्यस्य न किंचित् परिहास्यते।
एष संचोदयाम्येनं य: कार्यं साधयिष्यति॥ ३४॥
अनुवाद
वीर! तुम्हारे द्वारा किए जाने वाले इस कार्य में कोई भी छोटी से छोटी भूल नहीं होनी चाहिए। अब मैं ऐसे वीर योद्धा को प्रेरित कर रहा हूँ जो इस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा कर पाएगा।