कार्य के मूल तत्व की रक्षा करना ही कार्य को अच्छी तरह से करने का सबसे अच्छा तरीका है। यह नीति उन विद्वानों की है जो कार्य के मूल तत्व को समझते हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि जब कार्य का मूल तत्व सुरक्षित रहता है, तभी कार्य के सभी गुण सफलतापूर्वक प्रकट हो सकते हैं।