वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
»
सर्ग 64: समुद्र की विशालता देखकर विषाद में पड़े हुए वानरों को आश्वासन दे अङ्गद का उनसे पृथक्-पृथक् समुद्र-लङ्घन के लिये उनकी शक्ति पूछना
»
श्लोक 15
श्लोक
4.64.15
क इदानीं महातेजा लङ्घयिष्यति सागरम्।
क: करिष्यति सुग्रीवं सत्यसंधमरिंदमम्॥ १५॥
अनुवाद
play_arrowpause
हे सज्जनों! आप में से कौन सा महातेजस्वी वीर है जो इस समय समुद्र को लांघ जाएगा और शत्रुदमन सुग्रीव को सत्यनिष्ठ बनाएगा।
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.