उस गुफा में चारों ओर खोज करते हुए उन महातेजस्वी शूरवीर वानरों ने कुछ ही दूरी पर एक स्त्री को देखा, जो वल्कल और काले मृगचर्म के वस्त्र पहने हुए थी। वह नियमित आहार ले रही थी और तपस्या में लीन थी। उसके तेज से पूरा वातावरण प्रकाशमान हो रहा था। वानरों ने वहाँ उसे ध्यान से देखा और आश्चर्यचकित होकर सब ओर खड़े रहे। उस समय हनुमान जी ने उससे पूछा - "हे देवि! आप कौन हैं और यह किसकी गुफा है?"