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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
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सर्ग 44: श्रीराम का हनुमान जी को अँगूठी देकर भेजना
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श्लोक 14
श्लोक
4.44.14
व्यवसायश्च ते वीर सत्त्वयुक्तश्च विक्रम:।
सुग्रीवस्य च संदेश: सिद्धिं कथयतीव मे॥ १४॥
अनुवाद
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वीरवर! तुम्हारी लगन, तुम्हारा धैर्य, तुम्हारी शक्ति और सुग्रीव का संदेश—ये सब मुझे आभास दे रहे हैं कि तुम्हारे द्वारा कार्य अवश्य सफल होगा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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