श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  सर्ग 40: श्रीराम की आज्ञा से सुग्रीव का सीता की खोज के लिये पूर्व दिशा में वानरों को भेजना और वहाँ के स्थानों का वर्णन करना  »  श्लोक 8
 
 
श्लोक  4.40.8 
 
 
यन्मन्यसे नरव्याघ्र प्राप्तकालं तदुच्यताम्।
त्वत्सैन्यं त्वद्वशे युक्तमाज्ञापयितुमर्हसि॥ ८॥
 
 
अनुवाद
 
  नरश्रेष्ठ! वर्तमान समय में आप जो कर्तव्य उचित मानते हैं, उसे निर्देशित करें। यह सेना आपके नियंत्रण में है। आप इसे उचित कार्य के लिए आज्ञा दे सकते हैं।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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