श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  सर्ग 40: श्रीराम की आज्ञा से सुग्रीव का सीता की खोज के लिये पूर्व दिशा में वानरों को भेजना और वहाँ के स्थानों का वर्णन करना  »  श्लोक 62
 
 
श्लोक  4.40.62 
 
 
शैलस्य तस्य पृष्ठेषु कन्दरेषु वनेषु च।
रावण: सह वैदेह्या मार्गितव्यस्ततस्तत:॥ ६२॥
 
 
अनुवाद
 
  विदेह कुमारी सीता समेत रावण का पता लगाने के लिए तुम उदयाचल पर्वत के पीछे, उसकी गुफाओं और जंगलों में हर जगह खोज करो।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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