श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  सर्ग 40: श्रीराम की आज्ञा से सुग्रीव का सीता की खोज के लिये पूर्व दिशा में वानरों को भेजना और वहाँ के स्थानों का वर्णन करना  »  श्लोक 14
 
 
श्लोक  4.40.14 
 
 
त्वमेवाज्ञापय विभो मम कार्यविनिश्चयम्।
त्वं हि जानासि मे कार्यं मम वीर न संशय:॥ १४॥
 
 
अनुवाद
 
  प्रभु! मेरे कार्य का निश्चय करके आप ही वानरों को उचित आज्ञा दीजिए। वीर! आप ही मेरे कार्य को अच्छी तरह जानते हैं, इसमें कोई संदेह नहीं है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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