श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  सर्ग 39: श्रीरामचन्द्रजी का सुग्रीव के प्रति कृतज्ञता प्रकट करना तथा विभिन्न वानरयूथपतियों का अपनी सेनाओं के साथ  »  श्लोक 34
 
 
श्लोक  4.39.34 
 
 
ततो यूथपतिर्वीरो दुर्मुखो नाम वानर:।
प्रत्यदृश्यत कोटीभ्यां द्वाभ्यां परिवृतो बली॥ ३४॥
 
 
अनुवाद
 
  तदनन्तर वह वीर यूथपति दुर्मुख नामक शक्तिशाली वानर अपने दो करोड़ वानर सैनिकों सहित उपस्थित दिखाई दिए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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