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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
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सर्ग 37: सुग्रीव का हनुमान् जी को वानरसेना के संग्रह के लिये दोबारा दूत भेजने की आज्ञा देना, समस्त वानरों का किष्किन्धा के लिये प्रस्थान
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श्लोक 18
श्लोक
4.37.18
ते समुद्रेषु गिरिषु वनेषु च सरस्सु च।
वानरा वानरान् सर्वान् रामहेतोरचोदयन्॥ १८॥
अनुवाद
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उन्होंने समुद्रों के किनारे, पहाड़ों पर, जंगलों में और झीलों के किनारे रहने वाले सभी बंदरों को भगवान श्रीराम के कार्य के लिए जाने को कहा।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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