वेदामृत
Reset
Home
ग्रन्थ
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
श्रीमद् भगवद गीता
______________
श्री विष्णु पुराण
श्रीमद् भागवतम
______________
श्रीचैतन्य भागवत
वैष्णव भजन
About
Contact
श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
»
काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
»
सर्ग 34: सुग्रीव का लक्ष्मण के पास जाना और लक्ष्मण का उन्हें फटकारना
»
श्लोक 11
श्लोक
4.34.11
गीतोऽयं ब्रह्मणा श्लोक: सर्वलोकनमस्कृत:।
दृष्ट्वा कृतघ्नं क्रुद्धेन तन्निबोध प्लवंगम॥ ११॥
अनुवाद
play_arrowpause
कपिराज! जब ब्रह्माजी ने किसी कृतघ्न व्यक्ति को देखा तो वे क्रोधित हो गए और सभी लोगों के लिए आदरणीय यह श्लोक कहा, इसे सुनो—
Connect Form
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
© copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.