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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
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सर्ग 34: सुग्रीव का लक्ष्मण के पास जाना और लक्ष्मण का उन्हें फटकारना
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श्लोक 1
श्लोक
4.34.1
तमप्रतिहतं क्रुद्धं प्रविष्टं पुरुषर्षभम्।
सुग्रीवो लक्ष्मणं दृष्ट्वा बभूव व्यथितेन्द्रिय:॥ १॥
अनुवाद
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लक्ष्मण ने बिना किसी रोक-टोक के भीतर प्रवेश किया था। उस पुरुषश्रेष्ठ श्री राम को क्रोध से भरा देखकर सुग्रीव की सारी इन्द्रियां दुखी हो गयीं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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