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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
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सर्ग 30: शरद्-ऋतु का वर्णन तथा श्रीराम का लक्ष्मण को सुग्रीव के पास जाने का आदेश देना
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श्लोक 49
श्लोक
4.30.49
प्रकीर्णहंसाकुलमेखलानां
प्रबुद्धपद्मोत्पलमालिनीनाम्।
वाप्युत्तमानामधिकाद्य लक्ष्मी-
र्वराङ्गनानामिव भूषितानाम्॥ ४९॥
अनुवाद
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वापियों के चारों ओर हंस फैले हुए हैं जो उनकी फैली हुई मेखला (करधनी) के समान लग रहे हैं। ये वन सुंदर कमलों और नीलकमलों की मालाओं से सजे हुए हैं। आज ये उत्तम बावड़ियाँ वस्त्रों और आभूषणों से सजी हुई सुंदर स्त्रियों की तरह शोभायमान हो रही हैं।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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