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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
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सर्ग 26: हनुमान जी का सुग्रीव के अभिषेक के लिये श्रीरामचन्द्रजी से किष्किन्धा में पधारने की प्रार्थना, तत्पश्चात् सुग्रीव और अङ्गद का अभिषेक
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श्लोक 29
श्लोक
4.26.29
ततस्ते वानरश्रेष्ठमभिषेक्तुं यथाविधि।
रत्नैर्वस्त्रैश्च भक्ष्यैश्च तोषयित्वा द्विजर्षभान्॥ २९॥
अनुवाद
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तदनन्तर उन सबने विधिपूर्वक श्रेष्ठ ब्राह्मणों को विभिन्न प्रकार के रत्नों, वस्त्रों और भोजन से संतुष्ट करके वानर श्रेष्ठ सुग्रीव का राज्याभिषेक करना प्रारम्भ किया।
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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