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श्रीमद् वाल्मीकि रामायण
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काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड
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सर्ग 17: वाली का श्रीरामचन्द्रजी को फटकारना
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श्लोक 36
श्लोक
4.17.36
राजहा ब्रह्महा गोघ्नश्चोर: प्राणिवधे रत:।
नास्तिक: परिवेत्ता च सर्वे निरयगामिन:॥ ३६॥
अनुवाद
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‘राजाका वध करनेवाला, ब्रह्महत्यारा, गोघाती, चोर, प्राणियोंकी हिंसामें तत्पर रहनेवाला, नास्तिक और परिवेत्ता (बड़े भाईके अविवाहित रहते अपना विवाह करनेवाला छोटा भाई) ये सब-के-सब नरकगामी होते हैं॥ ३६॥
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हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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