श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 4: किष्किंधा काण्ड  »  सर्ग 17: वाली का श्रीरामचन्द्रजी को फटकारना  »  श्लोक 24
 
 
श्लोक  4.17.24 
 
 
विषये वा पुरे वा ते यदा पापं करोम्यहम्।
न च त्वामवजानेऽहं कस्मात् तं हंस्यकिल्बिषम्॥ २४॥
 
 
अनुवाद
 
  जब मैं तुम्हारे राज्य या नगर में कोई पाप नहीं कर रहा था एवं तुम्हारा तिरस्कार भी नहीं करता था, तो भी तुमने मुझ निर्दोष को क्यों मारा?॥ २४॥
 
 
 
  Connect Form
  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
  © copyright 2024 vedamrit. All Rights Reserved.