श्री राम लक्ष्मण को साथ ले कर वाली को इस अवस्था में देख कर उसके पास पहुँचे। जैसे ज्वाला रहित अग्नि भूमि पर गिरी हो उसी प्रकार वह वीर धीरे-धीरे देख रहा था। महापराक्रमी दोनों भाई श्रीराम और लक्ष्मण ने उस वीर का विशेष सम्मान करते हुए उसके पास जाकर उसका हालचाल पूछा।