श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 9: सीता का श्रीराम से निरपराध प्राणियों को न मारने और अहिंसा-धर्म का पालन करने के लिये अनुरोध  »  श्लोक 28
 
 
श्लोक  3.9.28 
 
 
कदर्यकलुषा बुद्धिर्जायते शस्त्रसेवनात्।
पुनर्गत्वा त्वयोध्यायां क्षत्रधर्मं चरिष्यसि॥ २८॥
 
 
अनुवाद
 
  शस्त्रों का अत्यधिक प्रयोग करने से व्यक्ति की बुद्धि मलिन तथा नीच लोगों के समान हो जाती है। अतः हे राम! आप अयोध्या वापस जाकर ही क्षत्रिय धर्म का पालन करिए।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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