श्रीमद् वाल्मीकि रामायण  »  काण्ड 3: अरण्य काण्ड  »  सर्ग 9: सीता का श्रीराम से निरपराध प्राणियों को न मारने और अहिंसा-धर्म का पालन करने के लिये अनुरोध  »  श्लोक 23
 
 
श्लोक  3.9.23 
 
 
एवमेतत् पुरावृत्तं शस्त्रसंयोगकारणम्।
अग्निसंयोगवद्धेतु: शस्त्रसंयोग उच्यते॥ २३॥
 
 
अनुवाद
 
  इस प्रकार पूर्वकाल में शस्त्र के संयोग (व्यक्ति के हाथ में शस्त्र आ जाने के कारण) वह वैसा ही घातक हो गया, जैसे आग का संयोग ईंधन के लिए घातक होता है। शस्त्र के संयोग से शस्त्रधारी व्यक्ति के हृदय में विकार का उत्पादन होता है।
 
 
 
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  हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे। हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे॥
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